मल्टीपर्पज चूल्हा बर्फबारी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। क्योंकि बर्फबारी और बरसात के कारण इन इलाकों में बिजली का हमेशा संकट बना रहता है।
अचानक बिजली चली जाए तो हमारे रोजमर्रा के कई काम प्रभावित हो जाते हैं, मगर मिट्टी और लोहे से बना एक मल्टीपर्पज चूल्हा ऐसा नहीं होने देगा। यह चूल्हा पानी गर्म करेगा, खाना बनाएगा और सर्दियों में कमरों को भी गर्म कर देगा। इस चूल्हे को तैयार करने का खर्च मात्र तीन हजार रुपये आएगा। मगर चूल्हे से कमरों तक गर्म हवा पहुंचाने के लिए जो पाइप लगाई जाएगी, उस पर कुछ खर्च अलग आएगा। यह चूल्हा बर्फबारी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। क्योंकि बर्फबारी और बरसात के कारण इन इलाकों में बिजली का हमेशा संकट बना रहता है। वहीं, कई ऐसे इलाके भी हैं, जहां बिजली के हमेशा कट लगते रहते हैं और ऐसे में वहां पर खाना बनाना, पानी गर्म करना और कमरों को गर्म करना काफी कठिन हो जाता है। लोगों को बहुत दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। इस चूल्हे का मॉडल डीएवी स्कूल सुंदरनगर के अभिनव ने तैयार किया है और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या मंडी में आयोजित मॉडल प्रदर्शनी में इसको प्रदर्शित किया गया। उसने बताया कि इससे बिजली भी बचेगी और बिजली नहीं होने पर हमारे कई काम भी प्रभावित नहीं होंगे।
चूल्हे को बनाने की विधि
यह चूल्हा कोई भी बड़ी आसानी के साथ कहीं पर भी बना सकता है। इस चूल्हे को बनाने के लिए लोहे की प्लेट पर मिट्टी का चूल्हा बनाएंगे। इस चूल्हे में लोहे की एक बड़ी पाइप इस तरह से डालेंगे कि वह पूरी तरह से मिट्टी के अंदर ही रहे और जब चूल्हे को जलाया जाएगा तो उस पर खाना बनाने के साथ ही पाइप भी गर्म हो जाएगी और इस पाइप में पानी गर्म होता रहेगा। थोड़ी थोड़ी देर बाद पाइप में पानी को डालते रहेंगे और गर्म पानी बाहर आता रहेगा। वहीं इस पाइप से निकलने वाली भाप को प्लंबर से फिटिंग करवाकर कमरों तक पहुंचाया जा सकेगा जो एक व्लोअर का काम करेगी और कमरों को भी गर्म करेगी।